Google blog post

Showing posts with label भीमराव अम्बेडकर जीवनी. Show all posts
Showing posts with label भीमराव अम्बेडकर जीवनी. Show all posts

Thursday, 14 September 2023

बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर पुण्यतिथि पर विशेष बाबा साहेब अम्बेडकर

 


बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर पुण्यतिथि पर विशेष

बाबा साहेब अम्बेडकर

brphoto

भारतीय संविधान की रचना में महान योगदान देने वाले डाक्टर भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को हुआ था. डाक्टर भीमराव एक भारतीय विधिवेत्ता होने के साथ ही बहुजन राजनीतिक नेता और एक बौद्ध पुनरुत्थानवादी भी थे. उन्हें बाबासाहेब के नाम से भी जाना जाता है. इनका जन्म एक गरीब अस्पृश्य परिवार मे हुआ था. बाबासाहेब आंबेडकर ने अपना सारा जीवन हिंदू धर्म की चतुवर्ण प्रणाली, और भारतीय समाज में सर्वव्यापित जाति व्यवस्था के विरुद्ध संघर्ष में बिता दिया. हिंदू धर्म में मानव समाज को चार वर्णों में वर्गीकृत किया है. उन्हें बौद्ध महाशक्तियों के दलित आंदोलन को प्रारंभ करने का श्रेय भी जाता है. मुंबई में उनके स्मारक पर हर साल लगभग पांच लाख लोग उनकी वर्षगांठ (14 अप्रैल) और पुण्यतिथि (6 दिसम्बर) पर उन्हे अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए इकट्ठे होते हैं.


भीमराव रामजी आंबेडकर का जन्म ब्रिटिशों द्वारा केन्द्रीय प्रांत ( अब मध्य प्रदेश में ) में स्थापित नगर व सैन्य छावनी मऊ में हुआ था. वे रामजी मालोजी सकपाल और भीमाबाई मुरबादकर की 14वीं व अंतिम संतान थे. उनका परिवार मराठी था और वो अंबावडे नगर जो आधुनिक महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में है, से संबंधित था. वे हिंदू महार जाति से संबंध रखते थे, जो अछूत कहे जाते थे और उनके साथ सामाजिक और आर्थिक रूप से गहरा भेदभाव किया जाता था. अम्बेडकर के पूर्वज लंबे समय तक ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में कार्यरत थे, और उनके पिता,भारतीय सेना की मऊ छावनी में सेवा में थे और यहां काम करते हुये वो सूबेदार के पद तक पहुँचे थे.

1908 में, उन्होंने एलफिंस्टन कॉलेज में प्रवेश लिया और बड़ौदा के गायकवाड़ शासक सहयाजी राव तृतीय से संयुक्त राज्य अमेरिका मे उच्च अध्धयन के लिये एक पच्चीस रुपये प्रति माह का वजीफा़ प्राप्त किया. 1912 में उन्होंने राजनीतिक विज्ञान और अर्थशास्त्र में अपनी डिग्री प्राप्त की, और बड़ौदा राज्य सरकार की नौकरी को तैयार हो गये.

अपनी अंतिम पांडुलिपि बुद्ध और उनके धम्म को पूरा करने के तीन दिन के बाद 6 दिसंबर 1956 को अंबेडकर की मृत्यु में दिल्ली में हुई. 7 दिसंबर को चौपाटी समुद्र तट पर बौद्ध शैली मे अंतिम संस्कार किया गया जिसमें सैकड़ों हजारों समर्थकों, कार्यकर्ताओं और प्रशंसकों ने भाग लिया. कई सामाजिक और आर्थिक बाधाएं पार कर, आंबेडकर उन कुछ पहले अछूतों मे से एक बन गए जिन्होने भारत में कॉलेज की शिक्षा प्राप्त की. अंबेडकर ने कानून की उपाधि प्राप्त करने के साथ ही विधि, अर्थशास्त्र व राजनीति विज्ञान में अपने अध्ययन और अनुसंधान के कारण कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स से कई डॉक्टरेट डिग्रियां भी अर्जित कीं. अंबेडकर वापस अपने देश एक प्रसिद्ध विद्वान के रूप में लौट आए और इसके बाद कुछ साल तक उन्होंने वकालत का अभ्यास किया. इसके बाद उन्होंने कुछ पत्रिकाओं का प्रकाशन किया, जिनके द्वारा उन्होंने भारतीय अस्पृश्यों के राजनैतिक अधिकारों और सामाजिक स्वतंत्रता की वकालत की. डॉ. अंबेडकर को भारतीय बौद्ध भिक्षु ने बोधिसत्व की उपाधि प्रदान की है.


अंबेडकर की सामाजिक और राजनैतिक सुधारक की विरासत का आधुनिक भारत पर गहरा प्रभाव पड़ा है. स्वतंत्रता के बाद के भारत मे उनकी सामाजिक और राजनीतिक सोच को सारे राजनीतिक हलके का सम्मान हासिल हुआ. उनकी इस पहल ने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों मे आज के भारत की सोच को प्रभावित किया. उनकी यह सोच आज की सामाजिक, आर्थिक नीतियों, शिक्षा, कानून और सकारात्मक कार्रवाई के माध्यम से प्रदर्शित होती है. एक विद्वान के रूप में उनकी ख्याति उनकी नियुक्ति स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री और संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष के रूप में कराने मे सहायक सिद्ध हुयी. उन्हें व्यक्ति की स्वतंत्रता में अटूट विश्वास था और उन्होने समान रूप से रूढ़िवादी और जातिवादी हिंदू समाज और इस्लाम की संकीर्ण और कट्टर नीतियों की आलोचना की है. बाबासाहेब अंबेडकर को भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया है, जो भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है.

Comments System

Best

SPOTLIGHT SENTRAL

West Central Railway Vacancy: वेस्ट सेंट्रल रेलवे में 10वीं पास भर्ती का 3317 पदों पर नोटिफिकेशन जारी August 7, 2024 by StudyGovtJob

  West Central Railway Vacancy: वेस्ट सेंट्रल रेलवे में 10वीं पास भर्ती का 3317 पदों पर नोटिफिकेशन जारी August 7, 2024   by  StudyGovtJob वे...

Powered by Blogger.
https://pradeepsinghrajput36.blogspot.com